नई दिल्ली, 22 मई . इस साल के पहले पांच महीनों (जनवरी-मई अब तक) में पब्लिक इश्यू लाने के लिए करीब 90 कंपनियों ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कराए हैं.
कंपनियों की ओर से बड़ी संख्या में ड्राफ्ट पेपर ऐसे समय पर दाखिल किए गए हैं, जब इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) मार्केट वैश्विक उतार-चढ़ाव के कारण कमजोर बना हुआ है और पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस वर्ष आए आईपीओ की संख्या करीब आधी रह गई है.
सेबी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, जनवरी में 28 कंपनियों ने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा कराए थे. फरवरी में 15 कंपनियों, मार्च में 11 कंपनियों, अप्रैल में 24 कंपनियों और मई में अब तक 12 कंपनियों ने ड्राफ्ट पेपर सेबी के पास जमा कराए हैं.
जब भी किसी कंपनी को शेयर बाजार में आईपीओ के जरिए पैसे जुटाने होते हैं, तो वह सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल करती है. इसमें कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन के साथ कारोबार और उससे जुड़े जोखिम के बारे में भी सभी अहम जानकारी होती हैं.
जिन कंपनियों ने ड्राफ्ट पेपर जमा कराए हैं उनमें केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस, केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी, आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स, वीवर्क इंडिया जैसी कंपनियों का नाम भी शामिल है.
आईपीओ के हिसाब से 2025 के पहले पांच महीने काफी कमजोर रहे हैं. जनवरी से मई तक मेनबोर्ड सेगमेंट में 9 कंपनियों की लिस्टिंग हुई है, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 25 से भी अधिक था.
अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाए जाने और वैश्विक अस्थिरता के चलते भारतीय शेयर बाजार में 2025 में अब तक उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिला है.
2025 की शुरुआत से अब तक सेंसेक्स ने 2.73 प्रतिशत और निफ्टी ने करीब 3 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है.
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एबीएस/
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