मधुबनी, 24 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बिहार दौरे पर पहुंचे. यहां पीएम मोदी ने मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में अपने संबोधन से पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने अपना भाषण शुरू किया.
पीएम मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपनी बात प्रारंभ करने से पहले मैं आप सबसे प्रार्थना करना चाहता हूं, आप जहां हैं, वहीं अपने स्थान पर बैठकर ही 22 अप्रैल को जिन परिवारजनों को हमने खोया है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए हम कुछ पल का मौन रखेंगे.
उन्होंने मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज पंचायती राज दिवस के मौके पर पूरा देश मिथिला से, बिहार से जुड़ा है. आज यहां देश के, बिहार के विकास से जुड़े हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है. बिजली, रेल, इंफ्रास्ट्रक्चर के इन विभिन्न कार्यों से बिहार में रोजगार के नए मौके बनेंगे. आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि भी है. मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.”
पीएम मोदी ने कहा, “बिहार वो धरती है, जहां से पूज्य बापू ने सत्याग्रह के मंत्र का विस्तार किया था. पूज्य बापू का दृढ़ विश्वास था कि जब तक भारत के गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक भारत का तेज विकास नहीं हो पाएगा. देश में पंचायती राज की परिकल्पना के पीछे यही भावना है. बीते दशक में पंचायतों को सशक्त करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं. टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी पंचायतों को मजबूत किया गया है. बीते दशक में 2 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया. 5.50 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में बने हैं. पंचायतों के डिजिटल होने से एक और फायदा हुआ है. अब जीवन/मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि धारण प्रमाण पत्र जैसे कई दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के अनेक दशकों बाद जहां देश को संसद की नई इमारत मिली, वहीं देश में 30 हजार नए पंचायत भवन भी बनाए गए. पंचायतों को पर्याप्त फंड मिले, ये भी सरकार की प्राथमिकता रही है. बीते 10 साल में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड पंचायतों को मिला है. ये सारा पैसा गांवों के विकास में लगा है.”
पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि पंचायतों ने कैसे सामाजिक भागीदारी को सशक्त किया है. बिहार, देश का पहला राज्य था, जहां महिलाओं को पंचायत में 50 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दी गई. आज बहुत बड़ी संख्या में गरीब, दलित, महादलित, पिछड़े और अति पिछड़े समाज की बहन-बेटियां जनप्रतिनिधि बनकर सेवाएं दे रही हैं. यही सच्चा सामाजिक न्याय है, यही सच्ची सामाजिक भागीदारी है. देश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए, रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर बनाने के लिए सरकार मिशन मोड में काम कर रही है. बिहार में चल रहे ‘जीविका दीदी’ कार्यक्रम से अनेक बहनों का जीवन बदला है. आज ही यहां बिहार की बहनों के स्वयं सहायता समूहों को करीब 1,000 करोड़ रुपए की मदद दी गई है. इससे बहनों के आर्थिक सशक्तीकरण को और बल मिलेगा.
उन्होंने कहा कि आज ही बिहार के करीब 1.50 लाख परिवार अपने नए पक्के घर में गृह प्रवेश कर रहे हैं. देशभर के 15 लाख गरीब परिवारों को नए घरों के निर्माण के स्वीकृति पत्र भी दिए गए हैं. इनमें भी 3.50 लाख लाभार्थी हमारे बिहार के ही हैं. आज ही करीब 10 लाख गरीब परिवारों को उनके पक्के घर के लिए आर्थिक मदद भेजी गई है. इसमें बिहार के 80 हजार ग्रामीण परिवार और 1 लाख शहरी परिवार शामिल हैं.
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एसके/एबीएम
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