नई दिल्ली, 1 जून . आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खानपान की वजह से लोग कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि हम अपने खाने-पीने की आदतों के साथ-साथ दिनचर्या में भी कुछ अच्छे बदलाव लाएं. फाइबर युक्त खाना खाएं और खूब पानी पीएं, साथ ही योग को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें. योग में कई ऐसे आसन हैं जो कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. इन्हीं में से एक है ‘काकासन’, इसे ‘क्रो पोज’ भी कहते हैं. इस आसन को करते समय शरीर कौआ की आकृति बनाता है. चलिए आपको बताते हैं आयुर्वेद के अनुसार इस आसन को करने के फायदे क्या हैं.
काकासन करने से पेट पर असर पड़ता है और पाचन तंत्र सक्रिय होता है. आसन के समय पेट पर पड़ने वाला हल्का दबाव आंतों को सही तरीके से काम करने में मदद करता है, जिससे मल त्याग आसान हो जाता है. इससे कब्ज से राहत मिलती है और पेट हल्का महसूस होता है. इस आसन को रोजाना करने से पाचन बेहतर होता है.
यह पेट की बढ़ी हुई चर्बी को घटाने में मदद करता है. इसे करने से पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव आता है, जिससे चर्बी धीरे-धीरे घटने लगती है. यह आसन शरीर को मजबूत बनाता है और पेट को शेप में लाने में मदद करता है. रोजाना अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है और शरीर फिट रहता है.
काकासन से शरीर लचीला और फुर्तीला बना रहता है. इसे करने से हाथ, पैर और पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर में स्ट्रेच आता है. यह आसन शरीर का संतुलन बढ़ाता है. रोजाना इसका अभ्यास करने से शरीर हल्का और फुर्तीला महसूस होता है.
काकासन पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में मदद करता है. यह आसन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है. खासकर लंबे समय तक बैठने या गलत मुद्रा के कारण होने वाले दर्द में यह फायदेमंद होता है.
यही नहीं, इस आसन से लिवर और किडनी का काम बेहतर होता है. यह पेट के अंदरूनी अंगों पर हल्का दबाव डालता है, जिससे उनमें खून का संचार ठीक से होता है. इससे लिवर और किडनी सही तरीके से काम करते हैं और शरीर से जहरीले तत्व आसानी से बाहर निकलते हैं.
काकासन का अभ्यास करने का सही तरीका-
काकासन करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को कमर की चौड़ाई जितना खोलें. फिर घुटनों को मोड़ते हुए ऐसे बैठें जैसे कुर्सी पर बैठ रहे हों. अब अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें और उंगलियों को अच्छी तरह फैलाएं. इसके बाद एड़ियों को जमीन से ऊपर उठाएं और हाथों पर संतुलन बनाने की कोशिश करें. पेट की मांसपेशियों को हल्का अंदर की तरफ खींचें और ध्यान रखें कि पेट के अंगों पर थोड़ा दबाव महसूस हो. अब 5 से 10 बार गहरी सांस लें और इस मुद्रा में कुछ समय तक बने रहें.
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पीके/एएस
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