Abhishek Sharma: एशिया कप 2025 के फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय टीम ने जीत कर इतिहास रच दिया है. भारत बनाम बांग्लादेश के बीच सुपर 4 का मुकाबला खेला गया. इस मैच में बांग्लादेश ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का न्योता भारत को दिया. भारत के तरफ से शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) उतरे और हर मैच की तरह से इस मैच में उन्होंने जमकर बल्लेबाजी की. हालाँकि वह शतक से चूक गए और रनआउट होकर जाना पड़ा.
अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) ने एक समय तक केवल 8 गेंद में 8 रन बनाकर खेल रहे थे. लेकिन फिर उसके बाद जब गियर बदला तो बांग्लादेश को जमकर पिटाई की. उन्होंने 5 छक्का और 6 चौका जड़ा. 37 गेंद में 75 रन बनाकर रन आउट हुए. इस मैच में भारतीय टीम के तरफ से सबसे ज्यादा स्कोरर रहे है. उनको प्लेयर ऑफ़ मैच का अवार्ड दिया गया.
Abhishek Sharma लगातार बने प्लेयर ऑफ़ मैच, कहा – ‘मै ज्यादा नहीं सोचता..’एशिया कप 2025 में Abhishek Sharma भारतीय टीम के लिए पॉवरप्ले में जबरदस्त शुरुआत दिला रहे है. इससे पहले भी उन्होने (Abhishek Sharma) पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त बल्लेबाजी कर ‘प्लेयर ऑफ़ मैच’ अवार्ड जीता था अब एक बार फिर उनको यह आवार्ड दिया गया. उन्होंने जीत के बाद बड़ा बयान और बताया की पहले ही गेंद में वह बाउंड्री मारते है लेकिन इस मैच में उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया इस पर जवाब दिया कहा कि,
“मैं बस अपना काम कर रहा था. मैंने पहले भी कहा है कि मैं (बल्लेबाज़ी करते हुए) ज़्यादा नहीं सोचता और फ्लो के साथ चलता हूँ. अगर गेंद मेरे दायरे में है, चाहे वो पहली गेंद ही क्यों न हो, मैं उस पर ज़ोर देता हूँ और अपनी टीम के लिए पावरप्ले निकालने की कोशिश करता हूँ. कुछ मैचों में, मैं पहली गेंद के बाद ही आगे बढ़ना चाहता था. कुछ गेंदबाज़ ऐसे होते हैं जो पहली गेंद पर ही विकेट लेना चाहते हैं. इस मैच में, क्योंकि ये एक नई पिच थी, मैं देखना चाहता था कि पिच कैसी है. पिच स्विंग और सीम कर रही थी. हमने (गिल और मैंने) इस बारे में बात की, हम कुछ गेंदें लेना चाहते थे और फिर तेज़ी से आगे बढ़ना चाहते थे.
मैं हमेशा फील्डिंग के साथ चलने की कोशिश करता हूँ, क्योंकि कुछ शॉट ऐसे होते हैं जिनका मैं बहुत ज़ोरदार तरीके से बैकअप लेता हूँ. मैं फील्डिंग देखता हूँ और फिर शॉट लगाने जाता हूँ. मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूँ जो इस तरह पूरी ताकत लगा देता है. (जहाँ से उसकी ताकत आती है) मैंने अभ्यास सत्रों में बहुत काम किया है – मुझे लगता है कि यही वो समय होता है जब बल्लेबाज़ों को खुद पर काम करने का समय मिलता है. मेरी योजना थी कि अगर मुझे इस तरह के इरादे से खेलना है, तो मुझे इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. जब आप नेट्स में बहुत ज़्यादा शॉट खेलते हैं, तो आउट होने की संभावना बढ़ जाती है. मेरे दिमाग में यही था कि ज़्यादा शॉट खेलते हुए आउट न हो जाऊँ.
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