हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जो दिल को छू लेने वाली है। यह कहानी ओडिशा के मयूरभंज जिले के कनिका गांव की है, जहां एक 72 वर्षीय महिला शौचालय के अंदर अपना जीवन बिता रही हैं। पिछले तीन वर्षों से वह इस शौचालय में रह रही हैं, और यह देखकर कई लोगों की आंखों में आंसू आ गए हैं।
इस महिला का नाम द्रौपदी बहेरा है, और उनके परिवार के अन्य सदस्य, जैसे कि उनकी बेटी और पोता, भी इसी शौचालय में रह रहे हैं। दादी यहां खाना बनाती हैं और सोती हैं, जबकि अन्य परिवार के सदस्य खुले में सोने को मजबूर हैं।
यह शौचालय स्थानीय प्रशासन द्वारा बनाया गया था। दादी और उनके परिवार का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें कोई आवास नहीं मिल रहा है, जिसके कारण वे इस शौचालय में रहने के लिए विवश हैं।
गांव के सरपंच बुधूराम पुती ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह इस परिवार के लिए घर बनवा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकारी योजनाओं के तहत अतिरिक्त मकान बनाने के आदेश आते हैं, तो वह जरूर मदद करेंगे।
दादी ने बताया कि वे कई बार संबंधित विभागों के पास जा चुकी हैं, जिन्होंने उन्हें घर देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। इस स्थिति को देखकर लोग सोशल मीडिया पर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कुछ ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को टैग कर मदद मांगी है।
लोग इस महिला की स्थिति को देखकर काफी दुखी हैं और सरकार से सवाल कर रहे हैं। एक व्यक्ति ने कहा कि यदि सरपंच इस महिला की मदद नहीं कर सकते, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
इस पूरे मामले ने लोगों को भावुक कर दिया है। शौचालय में रहना किसी के लिए भी आसान नहीं है, और दादी और उनका परिवार तीन साल से इस स्थिति में हैं। हम आशा करते हैं कि प्रशासन जल्द ही इस परिवार की मदद करेगा और दादी को अपने अंतिम दिन शौचालय में बिताने से बचाएगा।
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