अमीर बनना सभी का सपना है लेकिन इसकी राह एक सोच से होकर जाती है जिसे बचत करने की मानसिकता भी कहते हैं. शेयर मार्केट से अकूत संपत्ति बनाने वाले स्टार इन्वेटर विजय केडिया ने बचत करने की आदत पर ज़ोर दिया और कहा कि सैलरी के बजाए आपकी बचत आपको अमीर बनाती है.पेपर पर हाई सैलरी आकर्षक लग सकती है, लेकिन यह इसकी गारंटी नहीं कि आप कितने अमीर हैं., अनुभवी निवेशक विजय केडिया कहते हैं कि वास्तव में जो मायने रखता है वह यह है कि आप अपने कमाए धन में से कितना बचा पाते हैं, न कि आप कितना कमाते हैं. स्टार इन्वेस्टर विजय केडिया ने एक्स पर हाल ही में एक पोस्ट में लोगों से अपने जीवनशैली विकल्पों पर पुनर्विचार करने और लॉन्ग टर्म में कुछ संपत्ति बनाने के लिए अनुशासित बचत पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.केडिया ने लिखा, "आपकी लाखों की तनख्वाह आपको करोड़पति नहीं बनाती, आपकी लाखों की बचत आपको करोड़पति बनाती है." उन्होंने कहा कि वे मनी मैनेजमेंट करें और उपभोक्ता-संचालित आदतों से बचें.उन्होंने "आज के लिए जीने" के पश्चिमी दर्शन की आलोचना की, इसे उपभोक्तावाद से पैदा हुआ मिथक बताया. "अमेरिका में एक सिद्धांत है कि आज के लिए जियो, कल कभी नहीं आता. यह एक घृणित सिद्धांत है." उन्होंने कहा कि इस तरह की सोच वित्तीय असुरक्षा की ओर कैसे ले जाती है. केडिया के अनुसार, लगभग 40% अमेरिकियों के पास आपात स्थिति से निपटने के लिए $1,000 भी नहीं हैं, मुख्यतः इसलिए क्योंकि बचत उनकी संस्कृति में नहीं है.जबकि अमेरिका जैसे देश सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. केडिया ने तर्क दिया कि सरकारों पर निर्भर रहना व्यक्तिगत वित्तीय नियोजन का विकल्प नहीं है. इसके बजाय, उन्होंने लगातार निवेश के माध्यम से धन बनाने की वकालत की.उन्होंने एक सरल उदाहरण दिया: "यदि आप केवल 12% CAGR के साथ म्यूचुअल फंड में 20 वर्षों के लिए हर साल 50,000 रुपये का निवेश कर रहे हैं तो यह 5 करोड़ रुपये हो जाता है। यह सरल गणित है.उन्होंने युवा कमाने वालों को सलाह दी कि वे पार्टियों, फैशन और और ब्रांड पर होने वाले खर्च को कम करें और उस पैसे को बचत में लगाएं. उन्होंने कहा, "पहली बात यह है कि पार्टियों में जाना कम करें, फैशन और ब्रांड पर कम खर्च करें और जितना संभव हो उतना पैसा बचाएं." केडिया ने कहा, या तो आप एक शानदार युवा अवस्था जी सकते हैं या फिर एक शानदार बुढ़ापा. इसे हमेशा ध्यान में रखें." केडिया ने कहा कि आज खर्च किया गया प्रत्येक रुपया भविष्य में लागत वहन करता है. "यदि आप आज 50,000 रुपये खर्च कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप भविष्य में 5 करोड़ रुपये खो रहे हैं."
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