बैंकिंग फ्रॉड और फर्जी कॉल्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) जल्द ही एक बड़ी पहल करने जा रहे हैं। उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी दी है कि जल्द ही हर बैंक को अपना एकल नेशनल कॉलिंग नंबर (single national calling number) मिल सकता है, जो न केवल ग्राहकों को कॉल करेगा, बल्कि उस पर ग्राहक इनबाउंड कॉल यानी वापस कॉल भी कर सकेंगे। बैंकों ने सरकार से की सिफारिशवर्तमान में बैंक ग्राहकों से संपर्क करने के लिए 1600xx सीरीज के तहत कई नंबरों का उपयोग करते हैं। हालांकि, इन नंबरों पर इनबाउंड कॉल की सुविधा नहीं होती, जिससे ग्राहकों को कॉल की पहचान करना मुश्किल होता है और यही कारण है कि फर्जी कॉल्स के जरिए धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ गई हैं। बैंकिंग सेक्टर ने इस समस्या को देखते हुए सरकार और RBI के सामने यह मांग रखी है कि हर बैंक को अलग और यूनिक कॉलिंग नंबर दिया जाए, जिसमें इनबाउंड कॉलिंग की सुविधा भी हो। RBI की गाइडलाइंस और मौजूदा स्थितिRBI ने जनवरी 2025 में जारी एक सर्कुलर में निर्देश दिया था कि सभी बैंक केवल '1600xx' सीरीज का उपयोग करें जब वे ट्रांजैक्शन संबंधी कॉल्स करें, जबकि प्रमोशनल कॉल्स के लिए '140xx' सीरीज निर्धारित की गई थी। लेकिन अब बैंकों का कहना है कि सिर्फ एक सीरीज पर्याप्त नहीं है और कॉल्स के प्रकार के अनुसार और स्पष्ट दिशा-निर्देश चाहिए। कर्ज वसूली कॉल्स को लेकर उठे सवालबैंकों ने यह भी मांग की है कि डेब्ट सर्विसिंग (कर्ज वसूली) कॉल्स को 1600xx सीरीज से मुक्त रखा जाए, क्योंकि कई बार बैंक अपने रिकवरी ऑपरेशंस थर्ड पार्टी एजेंसियों को आउटसोर्स करते हैं। ऐसी स्थिति में सवाल यह उठता है कि क्या वे एजेंसियां भी 1600xx नंबर से ही कॉल करेंगी? इस पर स्पष्टता लाने के लिए RBI और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से भी मार्गदर्शन मांगा गया है। ग्राहकों को होगा बड़ा फायदाअगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो ग्राहकों के लिए यह जानना बेहद आसान हो जाएगा कि उन्हें कॉल किस बैंक से आ रही है। इससे न सिर्फ धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी, बल्कि ग्राहक अनुभव भी बेहतर होगा। बैंकिंग इंडस्ट्री को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। फ्रॉड के खिलाफ तकनीक की नई ढालबैंकों की यह पहल डिजिटल इंडिया के उस लक्ष्य को मजबूती देगी, जिसमें सुरक्षित और पारदर्शी बैंकिंग सिस्टम की बात कही गई है। एक यूनिक और इनबाउंड कॉलिंग नंबर से न सिर्फ कॉल्स ट्रेस करना आसान होगा, बल्कि कस्टमर ट्रस्ट भी बढ़ेगा।सरकार और RBI से इस संबंध में जल्दी ही अंतिम दिशा-निर्देश आने की उम्मीद है। तब तक बैंक अपने स्तर पर तैयारी में जुटे हुए हैं, ताकि जैसे ही हरी झंडी मिले, यह सुविधा ग्राहकों को तुरंत उपलब्ध कराई जा सके। (अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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