भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की फिटनेस और टीम में उनकी रणनीतिक उपयोगिता हमेशा ही चर्चा का विषय रही है। हाल ही में एशिया कप 2025 और टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया ने बुमराह के इस्तेमाल को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया।
उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के कुछ मैचों में विश्राम दिया गया, और इसके बाद एशिया कप 2025 में छोटे टीमों जैसे UAE और हॉन्ग कॉन्ग के खिलाफ खेलने के लिए उपलब्ध कराया गया। इस फैसले ने क्रिकेट प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों के बीच बहस को जन्म दिया है कि क्या यह निर्णय सही है या नहीं।
जसप्रीत बुमराह आज के समय के सबसे तेज और कुशल गेंदबाजों में से एक हैं। उनकी तेज गति और यॉर्कर जैसी खतरनाक गेंदों ने उन्हें टीम इंडिया के लिए आज के समय का एक अनिवार्य खिलाड़ी बना दिया है। लेकिन, तेज गेंदबाज होने के नाते उनकी शरीर की मांग बहुत अधिक होती है। पिछले कुछ वर्षों में बुमराह को कमर और पीठ की चोटों की समस्या रही है।
तेज गेंदबाजी में शरीर पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। लगातार टेस्ट, वनडे और टी20 में खेलने से उनके शरीर पर थकान और चोट का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए टीम प्रबंधन ने उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैचों में केवल कुछ ही मैच खेलने की अनुमति दी ताकि वे पूरी तरह से फिट रहें और भविष्य के बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयार रहें। टीम प्रबंधन का यह कदम सर्तक और सोच समझकर लिया गया माना जा सकता है।
एशिया कप 2025 में टीम इंडिया की शुरुआत UAE और हॉन्ग कॉन्ग जैसी छोटी टीमों के खिलाफ हुई। इस तरह के मुकाबलों को आमतौर पर कम चुनौतीपूर्ण माना जाता है, लेकिन टीम के लिए यह भी आवश्यक है कि खिलाड़ी अपनी फॉर्म और मैच फिटनेस बनाए रखें।
इस फैसले पर बहसबुमराह को छोटी टीमों के खिलाफ खेलने के लिए रखना कुछ लोगों को सही लगता है और कुछ इसे आलोचना का विषय मानते हैं। जसप्रीत बुमराह का टीम इंडिया के लिए महत्व किसी से छिपा नहीं है। उनके खेल की गुणवत्ता और फिटनेस टीम की जीत के लिए अहम है।
इसलिए, टीम प्रबंधन द्वारा उन्हें टेस्ट मैचों से आराम देना और छोटे टीमों के खिलाफ खेलाना स्मार्ट रणनीति है। हालांकि, यह आवश्यक है कि टीम और कोचिंग स्टाफ लगातार उनके स्वास्थ्य और फॉर्म पर नजर रखें। यदि सही तरीके से प्रबंधन किया गया तो यह निर्णय बुमराह और टीम दोनों के लिए योग्य साबित हो सकता है।
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