भारत में कई प्राचीन मंदिर हैं। हर मंदिर का अपना महत्व और मान्यता है। इनमें से कई मंदिर बेहद रहस्यमयी और चमत्कारी हैं। देवी-देवताओं में आस्था रखने वाले लोग इसे भगवान का आशीर्वाद मानते हैं, जबकि कुछ लोगों के लिए यह मंदिर आश्चर्य का विषय है। इन्हीं मंदिरों में से एक है किराडू मंदिर। यह रहस्यमयी मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। 1161 ईसा पूर्व में इस जगह को कीरत कूप के नाम से जाना जाता था। इस मंदिर को राजस्थान में बना बताया जाता है, लेकिन इसके निर्माण में दक्षिणी शैली की झलक देखने को मिलती है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में खजुराहो जैसी मूर्तिकला देखी जा सकती है, इसीलिए लोग इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहते हैं। यह मंदिर कई रहस्यों से घिरा हुआ है। इस मंदिर को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। तो आइए जानते हैं कि किराडू मंदिर इतना डरावना क्यों है।
खंडहर में तब्दील हो चुके मंदिर
बाड़मेर से 35 किलोमीटर दूर किराडू मंदिर पांच मंदिरों की एक खूबसूरत श्रृंखला है। दक्षिणी शैली में बने इन मंदिरों की खूबसूरती की चर्चा पूरे भारत में होती है। लेकिन अब इसके ज्यादातर मंदिर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। भगवान शिव और विष्णु के मंदिर की स्थिति ठीक है।
एक व्यक्ति पत्थर में बदल जाता है
यह मंदिर इतना डरावना है कि लोग शाम तक यहां रुकते भी नहीं हैं। सूरज ढलते ही लोग यहां से चले जाते हैं। इसके पीछे एक बहुत ही डरावना कारण है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सूर्यास्त के बाद इस मंदिर में रुकता है, वह हमेशा के लिए पत्थर में बदल जाता है। इस डरावने दृश्य के बाद, सूर्यास्त के बाद कोई भी यहां नहीं रुकना चाहता।
मंदिर को मिला है एक साधु का श्राप
माना जाता है कि इस डरावने रहस्य के पीछे एक साधु का श्राप है। कहा जाता है कि एक सिद्ध साधु अपने शिष्यों को राजा और प्रजा के भरोसे छोड़कर चला गया था। उन्होंने राजा से उनका ख्याल रखने को कहा था। लेकिन राजा और प्रजा दोनों ही अपने काम में इतने व्यस्त हो गए कि उन्होंने शिष्यों पर ध्यान ही नहीं दिया। यहां अचानक एक शिष्य की तबीयत खराब हो गई। जब शिष्यों ने गांव वालों से मदद मांगी तो किसी ने उनकी मदद नहीं की। जब संत को इस बारे में पता चला तो वे बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने गांव वालों को श्राप दे दिया कि जो भी व्यक्ति सूर्यास्त के बाद इस मंदिर में प्रवेश करेगा, वह पत्थर में बदल जाएगा। अब तो राजस्थान सरकार ने भी सूर्यास्त के बाद इस मंदिर में जाने पर रोक लगा दी है।
पीछे मुड़कर देखना भी वर्जित है
लोक कथाओं के अनुसार, उस दौरान एक कुम्हार की पत्नी ने संत के शिष्यों की मदद की थी। संत उस महिला से प्रसन्न हुए। उन्होंने उसे शाम तक गांव छोड़ने का आदेश दिया और कहा कि वह गलती से भी पीछे मुड़कर न देखे। जब महिला जा रही थी, तो उसने गलती से पीछे मुड़कर देखा, जिससे वह भी पत्थर में बदल गई।
महिला की मूर्ति आज भी स्थापित है
मंदिर के पास आज भी उस महिला की मूर्ति स्थापित है। साधु के इस श्राप के कारण गांव के लोगों में दहशत फैल गई और अब कोई भी शाम के बाद इस मंदिर में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। बाड़मेर के पास जैन मंदिर, बाड़मेर किला और रेत के टीले देखे जा सकते हैं। किराडू के रहस्य के कारण लोग इस मंदिर को देखने आते हैं। हालांकि, यह नहीं कहा जा सकता कि किराडू का श्राप सच है या कल्पना। लेकिन बंजर जगह पर होने के कारण यह जगह डरावनी लगती है। शाम तो दूर, दिन में भी यहां ज्यादा लोग नहीं दिखते।
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