राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (RSRTC) में एक गंभीर मामला सामने आया है। एक ड्राइवर ने नकली ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) जमा करके 32 साल तक नौकरी की। इस बात का पता चलने के बाद डिपार्टमेंट ने तुरंत जांच शुरू कर दी।
फर्जी TC मामला
सूत्रों के मुताबिक, इस ड्राइवर ने अपॉइंटमेंट के समय नकली डॉक्यूमेंट जमा करके कॉर्पोरेशन जॉइन किया था। डिपार्टमेंटल जांच या पर्सनल वेरिफिकेशन न होने की वजह से वह लंबे समय तक नौकरी करता रहा। मामला सामने आने के बाद कॉर्पोरेशन ने इसे गंभीर अपराध बताया और डिपार्टमेंटल जांच के आदेश दिए।
नोटिस का विरोध
जांच प्रोसेस के तहत, आरोपी और उसकी पत्नी को नोटिस भेजे गए, लेकिन दोनों ने अपने घरों पर भेजे गए नोटिस लेने से मना कर दिया। इससे मामला और उलझ गया है। कॉर्पोरेशन अधिकारियों ने कहा कि नोटिस लेने से मना करने के बावजूद जांच जारी रहेगी और नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
कॉर्पोरेशन का बयान
RSRTC अधिकारियों ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक कर्मचारी द्वारा किया गया पर्सनल फ्रॉड नहीं है, बल्कि कॉर्पोरेशन की क्रेडिबिलिटी और रिक्रूटमेंट प्रोसेस की ट्रांसपेरेंसी पर भी असर डाल सकता है। उन्होंने कहा, “जांच पूरी होने के बाद, अगर आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें नौकरी से निकालना और कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है।”
जांच प्रक्रिया
डिपार्टमेंटल जांच में उसके 32 साल की नौकरी के दौरान पेश किए गए डॉक्यूमेंट्स और उसकी नियुक्ति के आधार की जांच की जा रही है। यह भी जांच की जा रही है कि नकली TC डिपार्टमेंट की नज़र से कैसे बच गया।
संभावित कार्रवाई
RSRTC अधिकारियों ने संकेत दिया है कि जांच पूरी होने के बाद, अगर आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे नौकरी से निकाला जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, भविष्य की भर्ती प्रक्रियाओं में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को और सख्त बनाने की योजना है।
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